About Me

My photo
Passing through transition time phase our India needs that the vacuum between our traditional root value, heritage and modern young generation must be covered. As first Sanskrit E-Journal (Jahnavi Sanskrit E-Journal) a part of Sarsvat-Niketanam family is oriented to connect our new generation with this divine language which is the base of our root, identity & originality . To change public negative mindset towards of Sanskrit and to provide platform to creative thought and analysis related with Sanskrit on internet are our main priorities. For successful journey this mission expects a support of Sanskrit and Sanskriti lovers like you.

Saturday, August 7, 2010

Chief editor_JSEJ

 

  
                  डा० सदानन्द झा                                           
   व्याकरणविभागाध्यक्ष, वरिष्ठ प्राध्यापक,
जे० एन० बी०आदर्श स्नातकोत्तर एवं शोध केन्द्रीय
संस्कृत महाविद्यालय, लगमा, रामभद्रपूर, दरभंगा, बिहार,
पूर्व शिक्षाविद् सदस्य, मानवसंसाधन विकासमन्त्रालय भारत सरकार अधीनस्थ
दूरभाष - 06272-213268, चलभाष -  09507839283, 09570939075
                         

वृत्तचित्रम्

शैक्षणिक योग्यता
 
उत्तीर्ण परीक्षा
वर्ष
श्रेणी
संस्थान
विशेष
विद्यावाचस्पति (D.Lit)
१९९२

का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा
व्याकरण
विद्यावारिधि (Ph.D)
१९८६

का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा
व्याकरणदर्शन
आचार्य (M.A)
१९९०
द्वितीय
का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा
साहित्य
आचार्य (M.A)
१९८१
प्रथम
का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा
व्याकरण
शास्त्री प्रतिष्ठा (B.A Hons)
१९७९
प्रथम
का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा

उत्तर मध्यमा (अनधीत)
१९७८
----------
का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा

मध्यमा
१९७६
द्वितीय
का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा

प्रथमा
१९७२
प्रथम
संस्कृत शिक्षा बोर्ड, पटना


अनुभव-

Ø  अध्यापनानुभव (कुल २८ वर्ष- २५ वर्ष यू.जी.सी. वेतनमान में स्नातकोत्तर (P.G) एवं ३ वर्ष स्नातक (U.G))
पद
विषय
अवधि
संस्था
वेतन
वरिष्ठ प्राध्यापक
व्याकरण
०६-०७-९३ से अद्यतन
जे० एन० बी० सं० महावि०, लगमा, दरभंगा
१००००-१५२००/-
प्राध्यापक
व्याकरण
०३-०२-८४ से ०५-०६-९३
जे० एन० बी० सं० महावि०, लगमा, दरभंगा
२२००-४००/-
सम्मानित प्राध्यापक
व्याकरण
०९-०५-८३ से ०१-०२-८४
अ० वि० महावि०, रहिमपूर, खगडिया
७००/-
प्राध्यापक
व्याकरण
१५-०३-८१ से ०७-०५-८३
म० म० विद्यापीठ, लोहना, मधुबनी
-----------
{वर्तमान मूलवेतन- २२३१२/- (५०% महगाई भत्ता सहित)}
Ø  प्राशासनिक अनुभव –
शिक्षाविद् सदस्य-           मानव संसाधन विकासमन्त्रालय, भारत सरकार
प्रभारी प्रधानाचार्य-        समय-समय पर १९८४ से फरवरी १९९६ पर्यंत (जे० एन० बी०आदर्श स्नातकोत्तर एवं शोध केन्द्रीय संस्कृत महाविद्यालय, लगमा, रामभद्रपूर, दरभंगा, बिहार)
परीक्षा प्रभारी-               १९९० से १९९६ तक  (जे० एन० बी०आदर्श स्नातकोत्तर एवं शोध केन्द्रीय संस्कृत महाविद्यालय, लगमा, रामभद्रपूर, दरभंगा, बिहार)
पुस्तकालय समिति सदस्य अद्यतन (जे० एन० बी०आदर्श स्नातकोत्तर एवं शोध केन्द्रीय संस्कृत महाविद्यालय, लगमा, रामभद्रपूर, दरभंगा, बिहार)
संयोजक-                       बाग्वर्द्धिनी सभा (साप्ताहिक), अद्यतन (जे० एन० बी०आदर्श स्नातकोत्तर एवं शोध केन्द्रीय संस्कृत महाविद्यालय, लगमा, रामभद्रपूर, दरभंगा, बिहार)
केन्द्राधीक्षक-                  १९८३ वर्षीय पूर्व शिक्षा शास्त्री परीक्षा (B. Ed.), राष्ट्रिय संस्कृत मानित विश्वविद्यालय, तिरुपति, आन्ध्रप्रदेश
संयोजक-                       कर्मकाण्ड प्रशिक्षण १५-११-९८ से ०५-१२-९८
नामांकन प्रभारी-            राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान नई दिल्ली द्वारा आयोजित, (जे० एन० बी०आदर्श स्नातकोत्तर एवं शोध केन्द्रीय संस्कृत महाविद्यालय, लगमा, रामभद्रपूर, दरभंगा, बिहार)


 शोध मार्गदर्शन-
·         पं० विशेश्वर झा, विद्यावारिधि (Ph. D.), तिङर्थवाद समीक्षा, टंकणाधीन, का० सि० द० सं० वि० वि०, दरभंगा
·         पं० शम्भूनाथ चौधरी, विद्यावारिधि (Ph. D.), व्याकरणदृष्ट्या वाक्यानुशीलनम्, २००८, का० सि० द० सं०वि०वि०,दरभंगा
·         पं० यशस्पति झा, विद्यावारिधि (Ph. D.), पाणिनीयागमानां वैज्ञानिकं विवेचनम्, उपाधि हेतु समर्पित-२००४, का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा
·         पं० ललित कुमार झा, (नियमित अनुसंधाता), विद्यावारिधि (Ph. D.),सुपद्मव्याकरणस्य समालोचनात्मकमध्ययनम्, २००६, का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा
·         पं० कौशलकिशोर(नियमित अनुसन्धाता), विद्यावारिधि (Ph. D.), प्रयोगदर्पणस्य समीक्षात्मकमध्ययनम्, २००३, का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा
·         पं० कामेश्वर चौधरी, विद्यावारिधि (Ph. D.), शिशुपालवध महाकाव्यस्य शब्दशास्त्रीयमध्ययनम्, २००२, का० सि०द०सं०वि०वि०,दरभंगा
·         पं० अखिलेश्वर झा, विद्यावारिधि (Ph. D.) , लिंगवचनविचारसमीक्षा, १९९४,  का० सि० द० सं० वि० वि० ,दरभंगा
प्रकाशन-
ग्रन्थ-
ग्रन्थ नाम
ग्रन्थ स्वरूप
प्रकाशन वर्ष
प्रकाशन संस्थान
भाषाविज्ञानम्
मौलिक एवं सम्पादित
यन्त्रस्थ
वाराणसी
प्रयोगदर्पणः
नीलाभाष्यसहित
२००१
का०सि०द०सं०वि०,दरभंगा
बालमनोरमातत्त्वबोधिन्यो-र्वैमत्यविवेचनम्
मौलिक एवं सम्पादित
१९९५
वेंकटेश प्रकाशन, नई दिल्ली
तिथिद्वैधेनिर्णयः तिथिनिर्णयः
सम्पादन
१९८७
का०सि०द०सं०वि०,दरभंगा
दुर्गासप्तशती
सम्पादन
१९८७
दीनबन्धु पुस्तकालय, इसहपूर. मधुबनी
समास शक्तिदीपिका
हिन्दी व्याख्या एवं सम्पादन
१९८७
देवानन्द अकादमी, लखनौर, मधुबनी

शोधपत्र एवं निबन्ध-
शोधपत्र/निबन्ध
प्रकाशनवर्ष
प्रकाशन संस्थान
सर्वतोमुखी प्रतिभा के धनी ’राधानन्दन झा’
२००९
साईं बाबा ट्रस्ट, पटना
आमुख, प्रमुख पर्वविवेचनम्
२००७
इशहपूर, मधुबनी
सांक्यतत्त्वकौमुद्यामुपमानखण्डनम्
२००६
सरस्वती शोध संस्थान, लखनऊ
मैतथि वैय्याकरणानां योगदानम्
२००५
उमानाथ झा अभिनन्दन ग्रन्थ समीति, दरभंगा
स्वातंत्र्योत्तरभारतेमिथिलायां व्याकरणशास्त्रम्
२००३
साहित्य अकादमी नई दिल्ली
कालिदासकृतौ प्राकृतं पर्यावरणवर्णनम्
२००१
आनन्दमन्दाकिनी, पटना
व्याकरणशास्त्रेऽपि व्यंजनाऽनिवार्या
२०००
सरिसवपही, मधुबनी
मनोरमा शब्दरत्नप्रकाशिका विमर्शः
२०००
सारस्वत सुषमा, पटना
अव्ययप्रकरणे नागेशस्य नूतन विचारः
१९९५
अजस्रा, लखनऊ
सिद्धान्तकौमुद्या उद्भव विकासश्च
१९९५
संस्कृत सेवासंघ, रांची, झारकण्ड
व्याकरणशास्त्रे पक्षताविचारः
१९८९
जे० एन० बी० सं० महावि०, लगमा, दरभंगा
पं० दुर्गाधर झा महाभागानां संस्मरणम्
१९८७
का०सि०द०सं०वि०,दरभंगा
श्रद्धांजलिः
१९८५
मंगरौनी, मधुबनी
प्रमाणानां मिथोमैत्री विरोधिता च
१९८५
विश्वमनीषा, का०सि०द०सं०वि०,दरभंगा
पाणिनीयव्याकरणस्यैव वेदांगत्वम्
१९८४
विश्वमनीषा, का०सि०द०सं०वि०,दरभंगा
मिथिलायां वाचस्पतिः
१९८३
विश्वमनीषा, का०सि०द०सं०वि०,दरभंगा

सम्मेलन सहभागिता तथा भाषण एवं शोधलेखप्रकाशन-
सम्मेलन
विषय
वर्ष
स्थान
भगवद्गीता प्रचार समिति
गीतातत्त्वविवेचनम्
२००२
भगवद्गीता प्रचार समिति, मिर्जापुर, दरभंगा
वाचस्पति समारोह
सांख्यतत्त्वकौमुद्यामुपमानखण्डनं
२००१
जे० एन० बी० सं० महावि०, लगमा, दरभंगा
अखिलभारतीय संस्कृत शिक्षक सम्मेलन
संस्कृत विकासः
२०००
राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली
संस्कृत सम्मेलन
स्वातंत्रोत्तरे भारते मैथिलवैय्याकरणानां योगदानं
१९९९
पूना वि० वि०, महाराष्ट्र
विश्वसंस्कृत सम्मेलन
शाब्दिकमतेऽपि व्यंजनाऽनिवार्या
१९९७
बंगलौर, कर्णाटक
अखिलभारतीय संस्कृत सम्मेलन
सिद्धान्तकौमुद्याः उद्भव विकासश्च
१९९५
रांची, झारखण्ड
पुनश्चर्या पाठ्यक्रम (Refresher course)
वेदवेदांगम्
१९९५
लालबहादुर संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली
प्रो० हरिदामोदर वेलणक शताब्दी समारोह
श्रद्धांजलिः
१९९४
भारती विद्याभवन, कस्तूरवा गाँधीमार्ग, नई दिल्ली
अखिल भारतीय प्राच्य विद्या सम्मेलन
अन्तादिवच्चेतिसूत्रं स्थानिवत्सूत्रेणगतार्थं न वा
१९९४
एम० डी० वि०वि०, रोहतक, हरियाणा
पुनश्चर्या पाठ्यक्रम (Refresher course)
दर्शन
१९९४
लालबहादुर संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली
स्वदेशी विज्ञान कार्यशाला
वर्तमानयुग में तर्कबुद्धि एवं तर्कशास्त्र
१९९३
गाँधी विद्यासंस्थान वाराणसी
अखिलभारतीय सम्मेलन
अव्यय प्रकरणे नागेश्स्य नूतनविचारः
१९८९
राँची, झारखण्ड


विभिन्न संस्थानों में सम्पादित गोपनीय/महत्वपूर्ण कार्य-
§  शास्त्री, आचार्य एवं विद्यावारिधि (Ph. D.) हेतु प्राश्निक/ परीक्षक के रूप में कार्य सम्पादन-
·         का०सि०द०सं०वि०,दरभंगा
·         ल० ना० मिथिला वि० वि०, दरभंगा
·         ला०ब०शा० केन्द्रीय सं० विद्यापीट, नई दिल्ली
·         राष्ट्रीय सं० संस्थान, नई दिल्ली
§  विशेषज्ञ- व्याख्याता एवं प्राचार्य- अन्तर्वीक्षा समिति, शाहपूर, बेगूसराय
§  विशेषज्ञ- नामांकन समिति, मिथिला स्नातकोत्तर एवं शोध संस्थान दरभंगा, २००७-०८
§  दूरस्थ शिक्षा कार्यशाला- राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली, २००९

आकाशवाणी में वार्ता एवं परिचर्चा प्रसारण-
विषय
भाषामाध्यम एवं प्रकार
प्रसारण केन्द्र
खगोलशास्त्रे गोकुलनाथोपाध्यायस्य सूक्ष्मविचारः
संस्कृत, वार्ता
आकाशवाणी, दरभंगा
क्षेत्रवाद समस्या
हिन्दी, परिचर्चा
आकाशवाणी, दरभंगा
क्षेत्रीयता अस्माकं संकीर्णता
संस्कृत, परिचर्चा
आकाशवाणी, दरभंगा
वाल्मिकीय रामायणे नीतिः
संस्कृत, वार्ता
आकाशवाणी, दरभंगा
पाठ्यक्रमे संस्कृतस्याऽनिवार्यता
संस्कृत, वार्ता
आकाशवाणी, दरभंगा

विशिष्ट विद्वान द्वारा प्राप्त अनुशंसा पत्र-
·         कुलपति, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय
·         प्रतिकुलपति, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय
·         प्रधानाचार्य, जे० एन० बी० सं० महावि०, लगमा, दरभंगा
·         प्रधानाचार्य, अ० वि० महावि०, रहिमपूर, खगडिया
अभिनन्दनग्रन्थ समिति के सदस्य-
§  पं० आद्याचरण झा, अबिनन्दन ग्रन्थ समिति, पटना, १९९७
§  पं० कृष्णमाधव झा जन्मशतीवार्षिकी समारोह समिति, सरिसवपाही (मधुबनि), १९९९
§  राधानन्दन झा स्मृति ग्रन्थ, साईंबाबा ट्रस्ट, कौटिल्य नगर (पटना), २००९
पुरस्कार-
§  म० म० पं० कृष्णमाधव झा जन्मशताब्दी के अवसर पर विद्वत सभा में समासेशक्तिः विषय पर शास्त्रार्थ में राष्ट्रपति सम्मानित आचार्य शोभाकान्त जयदेव झा से सम्मानित, १९९९
§  राधानन्दन झा (पूर्व बिहार विधान सभाध्यक्ष) द्वारा प्रशस्तिपत्र प्रभृति से सम्मानित, २५ फरवरी, १९९९
मुख्य सम्पादक-
·         जाह्नवी, त्रैमासिक संस्कृत -शोधपत्रिका, jahnavisanskritejournal.in
सम्पादक मण्डल के सदस्य-
§  भारत के प्रथम मकरन्दानुसार सूर्यसिद्धान्तीय कम्प्यूटर साफ्टवेयर द्वारा निर्मित मिथिलादेशीय पंचांग, २००५-०८
§  संस्कृत अकादमी पंचांग, २००७ से निरन्तर



वैयक्तिक विवरण

नाम-                सदानन्द झा (विद्यावाचस्पति)
पितृनाम-          पं० तुलानन्द झा (राष्ट्रपति सम्मानित)
पितृव्यनाम-       पं० देवानन्द झा (राष्ट्रपति सम्मानित)
जन्म तिथि ०१-०१-१९६१
पत्राचार् संकेत-
Ø  कार्यालय-       
जे० एन० बी० आदर्श स्नातकोत्तर् एवं संस्कृत महाविद्यालय,
लगमा, रामभद्रपूर्  दरभंगा, (बिहार)

No comments:

Post a Comment