About Me

My photo
Passing through transition time phase our India needs that the vacuum between our traditional root value, heritage and modern young generation must be covered. As first Sanskrit E-Journal (Jahnavi Sanskrit E-Journal) a part of Sarsvat-Niketanam family is oriented to connect our new generation with this divine language which is the base of our root, identity & originality . To change public negative mindset towards of Sanskrit and to provide platform to creative thought and analysis related with Sanskrit on internet are our main priorities. For successful journey this mission expects a support of Sanskrit and Sanskriti lovers like you.

Tuesday, August 3, 2010

Good Wishes

श्रीः
॥नान्दी वाक्॥


अद्यतनयुगे संस्कृतप्रसाराय प्रचाराय च कञ्चन नवीन पन्थानम् आश्रयन्ति संस्कृतविद्वांसः। तं वयं सुतराम् अभिनन्दामः.....।
संस्कृतक्षेत्रेऽपि उपयोगमानीयमानोऽयं पन्थाः सर्वेषां हिताय स्यात् इति नात्र कश्चन संदेहः। जाह्नव्याः प्रकाशनम् एतद्दिशायां सर्वथा अभनन्दनार्हम् इति। नापेक्ष्यते बहु वचः।
ज्ञानपीठ-पद्मश्री-राष्ट्रपतिसम्मानपुरस्कृतः
महामहोपाध्यायः, विद्यावाचस्पतिः, विद्यामार्तण्डः
प्रो० सत्यव्रत शास्त्री
Honorary prof. SCSS, JNU, Formerly prof and HOD (Sanskrit) -DU
Ex VC SJSU, Puri


----------------------------------------------------------------------------------------------------------
यद्यपि संस्कृतमाहात्म्यवशीकृतचेतनाः पाश्चात्या विपश्चितः प्रागेव तां विश्वभाषां घोषितवन्तः परन्तु सा खलु घोषणा सार्थवती न जाता मिथस्सम्वादहीनतया। सम्प्रत
ि जाह्नव्याः प्रकाशनेन स खलूक्तयो याथार्थ्यं सार्थकताञ्च भजत इत्यहं मन्ये...।
मिश्रोऽभिराजराजेन्द्रः।
पूर्वकुलपतिः
सं०सं० विश्वविद्यालयः
------------------------------------------------------------------------------------------------------------

एषा पत्रिका उत्तरोत्तरं वृद्धिं गच्छेत् इति भगवतः सप्ताचलाधिपतेः श्रीश्रीवेङ्कटनायकस्य पवित्रचरणकमलतले सन्ततं प्रार्थये।
प्रो० हरेकृष्ण सत्पथी
कुलपतिः, तिरुपति राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ मानित विश्वविद्यालयः
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
अत्याधुनिकयुगेऽस्मिन्…. अनया प्रचेष्टया  समस्याह्वानं प्रत्यक्षीकृत्य संस्कृत शिक्षायाः द्रुतविकासाय नूतन साहित्याभिवृद्धये च नूनं समर्था भवेम वयम् इति
डा० सत्यनारायण आचार्यः
उपाचार्यः विभागमुख्यश्च
साहित्यसंस्कृतिसंकायः
तिरुपति राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ मानित विश्वविद्यालयः

------------------------------------------------------------------------------------------------------------
On behalf of all Sanskrit lovers in Australia I convey my best wishes on the launch of an important Sanskrit publication – Jahnavi…
My expectations from this journal are great and I feel confident that young India will meet these expectations and more.
Prof. Himanshu Pota
Australia
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
संस्क्रुत ज्ञान-विज्ञान संवाहकम्। शुद्धबुद्धिसंवर्द्धकम्। अजरामरं संस्कृतम्। बहुप्राचीनमपि नित्यनूतनम्। एतादृशस्य संस्कृतस्य यद्यपि बहव्यः पत्रिका कार्यरतास्सन्ति तथापि  अन्तर्जालीयसंस्कृतपत्रिकाभावेन विश्वस्य विविधेषु
  राष्ट्रेषु  विद्यमानाः संस्कृत प्रियाः हतोत्साहिनो भवन्तीति धिक्। एतादृशीं न्यूनतां दूरी कर्तुं…..
Dr. C.U Rao
Ex-chairperson SCSS, JNU
Associate professor & Project Director
 ------------------------------------------------------------------------------------------------------------
जाह्नवी नाम्ना जालयन्त्रद्वारा प्रसारिता पत्रिका रसभरनमिताङ्गी नानातन्त्रतत्वबिन्दुभरा विद्वन्मनोरंजनचातुरी प्रसन्नपदगम्भीरा गीर्वाणभारती सुरताभ्युदय विधात्री प्रतिभोन्मुखारंजयतु 
Dr. K.E. Dharaneedharan
Siromani Nyay
Reader & Head Dpt  Sanskrit

Pondicherry University
------------------------------------------------------------------------------------------------------------

संस्कृत प्रचार-प्रसाराय शोधक्षेत्रे योगदानाय च प्रकाश्यमानां जाह्नवीं ज्ञात्वा मोमुद्यते मे मनः….
वस्तुतः संस्कृते  विद्यमानानां विषयाणां नूतनतथ्यात्मकरूपेण  जाह्नवी इति पत्रिकाप्रकाशनं  एकं श्लाघ्यं कार्यं विद्यते।

प्रो० सुखदेव भोई
Dean sahity & sanskriti
LBS Deemd University Delhi
 ------------------------------------------------------------------------------------------------------------

नवनवोन्मेषी यह जाह्नवी शोधपत्रिका संस्कृतजगत में निर्वाध निस्सरित होती रहे यह मेरी शुभकामना है।
सत्येन्द्र कुमार मिश्र
सम्पादक
विश्वपंचांग, BHU
------------------------------------------------------------------------------------------------------------


जाह्नवी पत्रिका का सम्पादन विषय का गाम्भीर्य एवं संस्कृत के जिज्ञासुओं के लिये एक महत्वपूर्ण कार्य है……..
प्रो० चन्द्रमा पाण्डेय
ज्योतिष विभाग, BHU
 ------------------------------------------------------------------------------------------------------------
एतादृशनां संस्कृतच्छात्राणां सत्प्रयासेन संस्कृतस्य प्रचारः प्रसारश्चावश्यं भविष्यत इति मे विश्वासः
प्रो० रमेशचन्द्रपण्डाः
 
संकायप्रमुखः
काशीहिन्दूविश्वविद्यालयः
------------------------------------------------------------------------------------------------------------



भगवन्तं विश्वेश्वरं प्रार्थये यदियं जाह्नवीजाह्नवीव सततं प्रवाहमाना लोककल्याणं साधयतु।
प्रो० कृष्णकान्त शर्मा
Ex- Dean Faculty of SVDV
Ex- Hony Director Malaviy bhavan
BHU
------------------------------------------------------------------------------------------------------------

आधुनिकरीत्या विज्ञानस्योपलब्धीनाम् उपयोगेन संस्कृतभाषायां जाह्नवी नाम्ना ई- त्रैमासिकी शोधपत्रिका प्रकाशतामेतीति ज्ञात्वा मोमुद्यते मे मनः।अस्मिन् कर्मणि सर्वान् साधुवाक्यैः संभूष्य पत्रिकेयं निरन्तरं
कौमुदीव सहृदयमनप्रह्लादनक्षमाभूय भगवन्तं सप्तगिरिसनाथं वेंकटेश्वरं संप्रार्थये।
Prof. K. R. Menon
Dean Faculty of Education
Co-ordinator UGC SAP (Edu)
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
जाह्नवी पत्रिका न केवलं  सामान्यच्छात्राणां कृते परमोपादेया भविष्यति  अपितु ये संस्कृतानुरागिणो वर्तन्ते  तेषां समेषां कृते  अवश्यमेव लाभप्रदो भवितुमर्हतीति मे मति
Prof Brajesha Kumar
Lucknow University
------------------------------------------------------------------------------------------------------------

सूचनाप्रौद्योगिके युगेऽस्मिन्नेतादृक् पत्रिकाया प्रकाशनं संस्कृतजिज्ञासूनां शोधछात्राणां च कृते महदुपकाराय भवितेति मे विश्वासः।
 Prof Prema Kumar Sharma
HOD  Dpt. Jyotish, LBS New Delhi
Programa co-ordinator SAP DRS
Editor Vidyapith Panchang
------------------------------------------------------------------------------------------------------------

 जाह्नवीनाम्नी त्रैमासिकी शोधपत्रिका जाह्नवीव आचन्द्रतारार्कं प्रचलतु, ज्ञानपिपासां पूरयन्तु….
डा० के० आर० सूर्यनारायण
Dean, Faculty of Sahity & Saskriti

तिरुपति राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ मानित विश्वविद्यालयः
------------------------------------------------------------------------------------------------------------

बहूनां छात्राणां ऋषीणां गुरूणां आचार्याणामुपदेश परम्परागतानि तत्त्वानि सत्यवचनानि  जाह्नवी पत्रिकाद्वारा अन्तर्जाले निक्षिप्तानि  बहूनां छात्राणां शोधकर्तृणां चान्तोपयोगाय  भवेदिति विश्वस्मि।
Prof. T.V. Raghvacharyulu
तिरुपति राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ मानित विश्वविद्यालयः
------------------------------------------------------------------------------------------------------------

जाह्नवी के प्रकाशन से संस्कृत वाङ्मय के दुर्लभ खजाने का लाभ सभी प्राप्त कर सकेंगे, यह परम सन्तोष का विषय है। सम्पूर्ण दुनियाँ में इसके माध्यम से सही तथ्य प्रसारित हो सकेगा।
प्रो० सच्चिदानन्द मिश्रा
HOD, Faculty of samskritvidyadharmagam
BHU
------------------------------------------------------------------------------------------------------------

गवेषणात्मिका पत्रिकेयं समेषां गवेषकानां सनुन्नतये तथा च जगतः श्रेयसे अग्रे सरिष्यतीति दृढं मे विश्वासः।
Dr.Prabhat Kumar Mohapatra
HoD (Jyotish)

Puri
 ------------------------------------------------------------------------------------------------------------

संस्कृतसाहित्यसागरे विद्यमानानां ज्ञान रत्नानां प्रकाशनमियं जाह्नवी अभिनवशैल्या अति द्रुतगत्या सर्वत्र करिष्यतीति मे दृढो विश्वासः।
प्रो० राधाकान्त ठाकुरः
Ex- Dean Faculty of Ved-Vedangas
तिरुपति राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ मानित विश्वविद्यालयः
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
जाह्नवी पत्रिकायाःसुयशार्थे मम ईश्वरं प्रति  प्रार्थनाः, स्वकीयाः सदिच्छा च सन्ति एव।
श्रीपादनामा अभ्यंकरेत्युपाव्हः
मुम्बई स्थितः अभियान्त्रिकः
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
जाह्नवी संस्कृत ई-पत्रिका  उत्तरोत्तर् सफलता हेतु मेरी शुभकामनाएं...।
डा० गिरिजा शंकर शास्त्री
HOD, Dpt Sanskrit
Ishvar Sharan Degree College
Allahabad

No comments:

Post a Comment